Wednesday, 15 January 2025

शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua

  

आज के समय में शिव गुरु यानी शिव चर्चा शिव का ही एक रूप है जिन्हें लोग शिव चर्चा कहते हैं शिव गुरु कि चर्चा लोग बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं और गाते बजाते हैं । मानों दुनिया के सारे सुख शिव चर्चा में ही है । 

शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua

आपके जानकारी के लिए आपको बता दूं कि शिव चर्चा यानि शिव गुरु का पूजा बिहार - झारखंड समेत उत्तर प्रदेश में भी किया जाता है इतना ही बिहार - झारखण्ड और उत्तर प्रदेश के हर गांव और हर घर में शिव चर्चा किया जाता है आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि शिव को चाहने वाले लोग कितने ज्यादा है । 


शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua

शिव चर्चा अधिकतर सावन माह में किया जाता है माना जाता है कि शिव चर्चा सावन माह में करने से भगवान भोले नाथ जल्द खुश होते हैं और भगवान को जल चढ़ाने से ओर भी ज्यादा प्रशन होते हैं । 

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तो अगर आप भी जानना चाहते हैं शिव चर्चा का निर्माण किसने किया ओर कब इसका निर्माण हुवा साथ ही आप किस प्रकार से शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा दे महादेव लिखा हुआ बुक लेना चाहते हैं तो आप किस प्रकार से ले सकते हैं इन सभी के बारे मै आपको पूरी जानकारी देंगे तो आप हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहें तो चलिए शुरू करते हैं । 

शिव चर्चा का किताब PDF

अगर आप शिव चर्चा का किताब लेना चाहते हैं तो ये किताब आपके नजदीकी Book Store में मिल जायेगा जहां से आप इस किताब को प्राप्त कर सकते हैं लेकिन बहुत जगह इस किताब को नही रखते हैं तो ऐसे में आप अपने मोबाइल से Amazon , Flipkart से इस Book को Online Purchase कर सकते हैं । 

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शिव चर्चा की शुरुवात कब और किसने किया ? 

शिव चर्चा के शुरुवात हरींद्रानंद जी ने किया था और इसका जन्म 31 अक्टूबर 1948 सिवान के अमरोली गांव में हुआ था । उन्होनें 1974 में शिव को गुरु के तौर पर स्वीकार किया था । हालाकि खुद 14 वर्षीय तक बिहार के आरा जिला के गांगी शमशान में जाकर उन्होने साधना की थी । 

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हरींद्रानंद जी ने बिहार के ही मधेपुरा जिला से 1982 में शिव चर्चा की शुरुवात किया । ओर वहा के उनके करीबी रहे दिलीप कुमार झा ने उनके भरपूर साथ दिया । ओर शिव चर्चा को बिहार - झारखण्ड में प्रसिद्ध कर दिया लोग इसे आज भी धूम धाम से मना रहे हैं । 

शिव चर्चा के तीन सूत्र ? 

जैसा कि हर अलग - अलग देवी देवताओं का एक सूत्र होता है उसी प्रकार से शिव गुरु का भी एक सूत्र है जो आपके और आपके शीशियां दीदी के जीवन को सुधार देता है लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि इस सूत्र को सिर्फ शिव चर्चा के समय ही याद रखें बल्कि इसे हमेशा याद रखना चाहिए जिस से शिव गुरु आपके ऊपर हमेशा ध्यान रखता है । 

पहला सूत्र होता है = दया मांगना ………..

दूसरा सूत्र होता है = चर्चा करना …………

तीसरा सूत्र होता है = नमन करना ………. 

हरींद्रानंद जी का निधन ? 

स्वामी हरींद्रानंद जी बिहार - झारखंड का दौरा अक्सर करते थे उन्हे सीने में दर्द उठा और उसे रांची के पारस हॉस्पिटल में भर्ती किया गया । हरींद्रानंद जी का निधन करीब सुबह 3:00 हुआ था । इस ख़बर सुनने के बाद काफ़ी लोग उसके घर रांची पहुंच गए हैं । 

दोस्तों स्वामी हरींद्रानंद जी भले ही इस दुनिया में हो या फिर ना हो लेकिन लोग आज भी इनके द्वारा संचालित किए शिव चर्चा को आज भी लोग मना रहे हैं इतना ही शिव चर्चा हमेशा - हमेशा मनाया जायेगा ये कभी बंद होने वाले नही है । 

Counselling 

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार सभी को हिंदू धर्म के बारे में जानना चाहिए साथ ही इस मनुष्य का जन्म में भगवान का नाम ना लेने के सबसे बड़े पाप माना जाता है इसलिए सभी लोगो को भगवान का नाम लेना चाहिए । क्योंकि भगवान ने ही बनाया है और भगवान ही बेड़ा पार करता है । 

आप और हम जो भी इस भेड़ चाल के दुनिया में देख रहें हैं ये सब मोह माया है भगवान ही मालिक है और शिव ही सच है । इसके अलावा आपको बता दूं कि आप भगवान का कितने बड़े भक्त हो जाओ । मरना ही पड़ेगा इसलिए भगवान से कभी भी नफरत नहीं करना चाहिए 

क्योंकि अगर आप भगवान से नफरत करोगे तो उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हो लेकिन भगवान आप से नफरत करे तो आपका सब कुछ बिगाड़ सकता है । दोस्तों हम भगवान को मानते हैं और जिंदगी भर भगवान को मानते रहेंगे । जय महाकाल जय श्री राम ……. 


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